माँग एवं पूर्ति
संतुलित हो
करते मूल्य निर्धारण
देते गति
अर्थव्यवस्था को
आर्थिक मुनाफा कमाने हेतु
कम्पनियां
करतीं अधिक उत्पादन
वस्तु की लागत कम करने के लिए
फलस्वरूप
पूर्ति हो जाती अधिक
माँग की तुलना में
पूर्ति की अधिकता से
आ जाती मंदी
अर्थव्यवस्था में
मंदी कर देती चौपट
व्यक्ति, समाज, देश एवं विश्व को
इससे होती
विकास की गति धीमी
बढ़ती बेरोजगारी
नीचा होता जीवन स्तर
कृषि एवं उद्योग
चौपट होते इसके प्रभाव से
जन जीवन होता अस्त व्यस्त
मंदी दूर करने हेतु
किये जायें प्रयास
ऋण उपलब्ध कराया जाए
कम ब्याज दर पर
संरक्षण दिया जाए
उद्योग धंधों को
व्यापार को मिले प्रोत्साहन
सुधार हो
वस्तुओं तथा सेवाओं की गुणवत्ता में
संतुलन हो
माँग एवं पूर्ति में
दूर होगी मंदी
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
सुधरेगी अर्थव्यवस्था