तितलियाँ मुझको भाती हैं Poem On Butterfly In Hindi

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    सुन्दर देख बगीचा मेरा
    तितलियों ने डाला डेरा
    विविध प्रकार के फूल खिल रहे
    इन पर मंडराती हैं
    तितलियाँ मुझको भाती हैं

    खिले फूल सदा इन्हें लुभाते
    फूल अधखिले इन्हें न भाते
    खिले हुए फूलों का रस ये
    लेते नहीं अघाती हैं
    तितलियाँ मुझको भाती हैं

    फूलों का रस चूसती तितली
    बेसुध होकर कभी न फिसली
    फूलों का रस चूस-चूस कर
    मन में  हरषाती हैं
    तितलियाँ मुझको भाती हैं

    चंचलता है स्वभाव इनका
    फूल नहीं कोई इनके मनका 
    उड़ती फिरती ंइधर उधर ये
    फूलों पर इतराती हैं
    तितलियाँ मुझको भाती हैं

    रंग बिरंगे पंख हैं इनके
    खुली धूप में खूब ये चमके
    पंखों को ये तेज हिलाकर
    दूर बहुत उड़ जाती हैं
    तितलियाँ मुझको भाती हैं

    एक बार हाथ आ गयी तितली
    उसके पंख से चमक जो निकली
    बहुत समय बीत जाने पर भी 
    वो याद मुझे आती है
    तितलियाँ मुझको भाती हैं





    कमैंट्स