सफलता प्राप्ति में धैर्य और समय का महत्व#SAFALTAA PRAAPTI MEIN DHAIRYA AUR SAMAY KA MAHATV#BLOG

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    जब हम किसी लक्ष्य में सफलता प्राप्त करने की बात करते हैं तो हर कोई सबसे पहले मेहनत को वरीयता देता है। बात भी सही है, बिना मेहनत किये कोई भी सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति अपने काम में असफल हो जाता है तो एक सामान्य व्यक्ति भी बिना सोचे समझे सीधी सादी सबके द्वारा कही गई बात को कह देता है  'मेहनत नही ं की तो सफलता कैसे मिलती '। 
                'परिश्रम सफलता की कुंजी है'। यह कथन सर्वथा सत्य है, इसे नकारा नहीं जा सकता है। मैंने अपने जीवन में अनेक लोग ऐसे भी देखे हैं, जहाँ तक मेरी जानकारी है उन्होंने अपने काम में भरपूर मेहनत की। मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बेचारे इसी आशा में रहते कि सफलता का स्वाद उन्हें भी चखने को मिल जाए किन्तु उनके मुंह में सफलता का स्वाद चखने के लिए आयी लार ज्यों की त्यो ं रह जाती। 
                 लोग कहते हैं -'धैर्य का फल मीठा होता है'। अक्सर लोग मतलब की बात समझ लेते हैं किंतु बात का मतलब या तो समझने की कोशिश नहीं करते या उनकी समझ में नहीं आता है। संघर्ष के समय धैर्य रखना भी किसी परीक्षा पास करने से कम नहीं है
    मुश्किल घड़ी में धैर्य बनाये रखना कोई आसान काम नहीं है। अच्छे से अच्छे का पसीना छूट जाता है। जिन लोगों की हिम्मत टूट जाती है वो धैर्य कमी के कारण सफलता के बहुत नजदीक पहुँचने पर भी सफलता से वंचित रह जाते हैं। काश थोड़ा धैर्य और रखते तो वो भी सफल हो जाते। 
              धैर्य बनाये रखने के लिए ईश्वर में आस्था रखना बहुत जरूरी होता है। ईश्वर ही हमें सब कुछ सहन करने की शक्ति प्रदान करता है। इंसान जब चारों ओर से दुख और परेशानियों से घिरा होता है तो ईश्वर ही उसका सहारा होता है। कहा जाता है-सबका बेडा़ पार करने वाला ईश्वर ही होता है। 
                समय बड़ा बलवान है। समय के आगे किसी की नहीं चलती है। व्यक्ति के जीवन में यदि समय उसके अनुकूल न हो तो वो लाख कोशिश करता रहे उसे अपने काम में सफलता नहीं  मिलती है। दूसरी ओर एक ऐसा व्यक्ति जिसके समय और परिस्थितियां अनुकूल हैं तो प्रयास करने पर आसानी से सफलता मिल जाती है। ऐसा व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसा कहा जाता है कि समय से पहले और भाग्य से अधिक किसी को कुछ भी नहीं मिलता है। 
               समय गतिमान है। हम सब समय की प्रतीक्षा करते हैं समय हमारी प्रतीक्षा नहीं करता है। समय पर जो काम किया जाता है उसी में सफलता की संभावना अधिक रहती है। समय बीत जाने पर केवल पछतावा ही रह जाता है। कहावत है--अब पछताये होत क्या जब चिड़िया ं चुंग गयी ं खेत। 
              व्यक्ति को चाहिए कि वो ईश्वर का स्मरण कर अपना काम पूर्ण मनोयोग से करे, समय की प्रतीक्षा करे, अपना धैर्य बनाये रखे। ऐसा कहा जाता है पेड़ पर फल समय आने पर ही आते हैं। 


    कमैंट्स