क्या जमाना था!
जब टीवी नहीं थी
मेरे हस्बैंड
पूरा धयान रखते
देते
भरपूर समय और प्यार
कई बार
बजाते बैण्ड
कर देते मुझे खुश
हंँसा-हँसा कर
समय बदला
घर में टीवी आई
मानो दूसरी बीवी आई
अब तो
हस्बैंड का भी
बज गया बैण्ड
एक बार को तो
हो गये परेशान
किन्तु फिर
पूरा ध्यान और समय
देने लगे टीवी को
अब क्या था
मैंने अपना रूप संवारा
टीवी ने भी अपना रूप संवारा
पर उस डाइन के सामने
एक न चली मेरी
क्योंकि
अब वो हो गई
ब्लैक एण्ड व्हाइट से रंगीन
अब इस सौत का
मेरे हस्बैंड पर
हो गया पूरा अधिकार
बैण्ड बजाना तो रहा दूर
मेरी ओर देखते भी नहीं
हाय!
सत्यानाश हो जाय
इस डाइन का
इसने तो मेरी खटिया खड़ी
विस्तर गोल कर दिया