माता - पिता ने
अपनी कन्या को
विवाह के अवसर पर
नव दाम्पत्य जीवन को
सुचारू रूप से
चलाने हेतु
अपनी इच्छा एवं सामर्थ्य अनुसार
प्रेमपूर्वक
दान स्वरुप
आवश्यक वस्तुएँ आदि
प्रदान कीं
कालान्तर में
यह प्रथा बनी
विकृत रूप हुआ
दहेज प्रथा के रूप में |
वर पक्ष द्वारा
कन्या पक्ष से
विवाह हेतु शर्त रखी गई
एक लम्बी सूची दहेज की
कन्या के रूप गुण आदि
गौण हुए
मुख्य हुई
बड़ी धनराशि एवं कीमती वस्तुएँ
परिणाम स्वरूप
इस कुप्रथा से
बढ़ी ऋणग्रस्तता
बेमेल विवाह हुआ
सम्बन्ध टूटे
कन्याओं ने की आत्म हत्याएं
जीवन हुआ तनावपूर्ण
भ्रटाचार बढ़ा
दहेज प्रथा कारण बना
कन्या भ्रूड़ हत्या का
लिंगानुपात में आया असन्तुलन
इससे पनपेंगी और भी अनेक समस्याएं
अतः सभी का हो कर्तव्य
विरोध करें इस कुप्रथा का
इस कुप्रथा के न होने पर
होंगे सम्बन्ध मधुर
खुशहाली आयेगी जीवन में
समाज होगा संगठित
राष्ट्र होगा विकसित |