साहित्य को जीवन्त बनाने के लिए, साहित्यकार अनेक विधाओं को या विभिन्न विधाओं में से किसी एक विधा को अंगीकार कर, अपनी प्रतिभा से एक नया इतिहास रचते हैं और उनके विचारों से सभी परिचित होते हैं | विचारों का आदान प्रदान नये विचारों को जन्म देता है जिससे समाज को नयी दिशा मिलती है।
अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाने हेतु मैंने कविताओं को विचार अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है। कविताओं के इस संग्रह में विभिन्न शीर्षकों के अन्तर्गत पुरानी एवं नयी कविताओं की रचना की गयी है। पाठकगण पुरानी एवं नयी कविताओँ का एक साथ आनन्द ले सकेंगे, ऐसी मेरी आशा है।
कोई भी रचनाकार स्वयं को किसी भी रूप में पूर्ण नहीं कह सकता है, अतः इस संग्रह में भी त्रुटियाँ होना स्वाभाविक है। सभी पाठकोंसे मेरा अनुरोध है कि आप मेरा इस ओर ध्यान आकर्षित करेंगे, मैंआपका हृदय से आभारी रहूँगा।
अर्जुन प्रसाद